पटना : भारत में Médecins Sans Frontières (MSF) / डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने बिहार सरकार के सहयोग के साथ कोविड -19 महामारी के रोगियों का इलाज करने के लिए 100 बिस्तर वाला अस्थायी अस्पताल, पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में स्थापित किया है। COVID- 19 अस्थाई होसपिटल को आधिकारिक रूप से बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी द्वारा खोला गया।
यह कोविड-19 उपचार केंद्र, भारत में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा पूरी तरह से प्रबंधित होने वाला पहला उपचार केंद्र है। इस अस्थायी केंद्र में मध्यम लक्षणों वाले रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की जायेगी। इससे बिहार में सरकारी अस्पताल कोविड -19 के गंभीर मामलों के इलाज पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने यह अस्थायी उपचार केंद्र पाटलिपुत्र खेल परिसर में स्थित इनडोर स्टेडियम में बनाया है जहां ट्रीआज (Triage) , संक्रमित लोगों को अलग रखने की सुविधा (isolation) ,व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी । देश भर से आये 180 MSF कर्मचारी इस उपचार केंद्र का प्रबंधन और संचालन करेंगे ।
इस केंद्र में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा जैसे कि , जिन रोगियों को सांस लेने में कठिनाई हो उनके लिए चेहरे के मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति का प्रबंधन , मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए आवश्यक दवाओं और चिकित्सा, मानसिक देखभाल, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता ।
बिहार हेल्थ मिनिस्टर श्री मंगल पांडेय ने कहा, “इस समय जब दुनिया एक महामारी से जूझ रही है, सभी हितधारकों के लिए एक साथ काम करना और COVID – 19 के खिलाफ इस जंग को लड़ना आवश्यक है। COVID -19 का मुफ्त इलाज प्रदान करने कि डॉक्टर्स विथाउट बॉर्डर्स कि यह मुहिमएक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे हर योगदान मायने रखता है ।बिहार सरकार उनके काम का तहे दिल से समर्थन करती है।”
डॉ. प्रिंस मैथ्यू, कंट्री डायरेक्टर, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स, इंडिया, ने घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता प्रदान करना MSF का एक मूल सिद्धांत है । हम अपने महामारी प्रबंधन के ज्ञान और अनुभव का प्रयोग करेंगे , ताकि कोविड -19 महामारी का प्रभाव बिहार राज्य में कम किया जा सके। कोविड -19 महामारी हम सभी को प्रभावित करती है। इस कारण से इस आपात स्थिति पर प्रतिक्रिया को टीम वर्क की आवश्यकता है ।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हमारी साझेदारी हमें उपचार क्षमता बढ़ाने, मृत्यु दर को कम करने और राज्य में संक्रमण को रोकने में सक्षम बनाती है। ”
इससे पहले मई 2020 में, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों के लिए दान की थी । इसमें एन -95 मास्क, आँख / चेहरे की सुरक्षा, दस्ताने और उच्च गुणवत्ता वाले शरीर की सुरक्षा उपकरण शामिल थे ।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की कोविड -19 की प्रतिक्रिया, और अपने दुनिया भर के कार्यक्रमों में स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच बढ़ाने के प्रयासों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहाँ क्लिक करें।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के बारे में
एमएसएफ एक अंतरराष्ट्रीय, स्वतंत्र, चिकित्सा मानवीय संगठन है जो 70 से अधिक देशों में सशस्त्र संघर्ष, महामारी, प्राकृतिक आपदाओं और स्वास्थ्य सेवा से बहिष्कार से प्रभावित लोगों को आपातकालीन सहायता प्रदान करता है। एमएसएफ केवल जाति, धर्म, लिंग या राजनीतिक संबद्धता की आवश्यकता के आधार पर लोगों को सहायता प्रदान करता है। MSF 1999 से भारत में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में आवश्यक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराता है। MSF को 1996 में शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार और 1999 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का पिछले 10 वर्षों में बिहार में मानवीय चिकित्सा कार्य का लंबा इतिहास रहा है, जिसमें दरभंगा जिले में कुपोषण, हाजीपुर के लिए काला अजार शामिल है। वर्तमान में पटना में, एमएसएफ गंभीर जटिलताओं वाले उन्नत एचआईवी रोगियों के उपचार के लिए गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल में एक उपचार वार्ड चलाता है।
मीडिया संपर्क
अहाना धर – msfe-asia-comofficer@barcelona.msf.org | +91 9999037907
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